लक्ष्मी मां की पूजा क्यों की जाती है?
धन, संपत्ति अर्थात पैसा वर्तमान में मनुष्य की सबसे बड़ी जरुरत है। पैसे से ही मनुष्य के जीवन की तमाम भौतिक जरुरतें पूरी होती हैं। धन, संपत्ती, समृद्धि का एक नाम लक्ष्मी भी है। लक्ष्मी जो कि भगवान विष्णु की पत्नी हैं। मान्यता है कि मां लक्ष्मी की कृपा से ही घर में धन, संपत्ती समृद्धि आती है। जिस घर में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता वहां दरिद्रता घर कर लेती है। इसलिये मां लक्ष्मी का प्रसन्न होना बहुत जरुरी माना जाता है और उन्हें प्रसन्न करने के लिये की जाती है मां लक्ष्मी की पूजा।
सनातन धर्म में दीपावली का पर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चौदह सालों के वनवास के बाद भगवान राम, लक्ष्मण और सीता माता के साथ लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे, तो अयोध्या वासियों ने दीप माला जलाकर उनका स्वागत किया था. धार्मिक मान्यता है कि तभी से दीपावली का पर्व मनाया जाता है.
जब देवताओं और असुरों के बीच समुद्र मंथन हुआ था तो इसमें से लक्ष्मी भी निकली थी. यह कहा जाता है कि जिस दिन लक्ष्मी निकली थी, उस दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या थी. यह दिन ही दिवाली के तौर पर मनाया जाता है. मां लक्ष्मी का समुद्र मंथन से आगमन हो रहा था, सभी देवता हाथ जोड़कर आराधना कर रहे थे. इस वजह से दिवाली को लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
मां लक्ष्मी की जी की पूजा विधि
पूजा में लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियों को एक चौकी पर स्वस्तिक बनाकर तथा चावल रखकर स्थापित करना चाहिए। मूर्तियों के सामने एक जल से भरा हुआ कलश रखना चाहिए। इसके बाद मूर्तियों के सामने बैठकर हाथ में जल लेकर शुद्धि मंत्र का उच्चारण करते हुए उसे मूर्ति पर, परिवार के सदस्यों पर और घर में छिड़कना चाहिए।
गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्रियों का प्रयोग करते हुए पूरे विधि- विधान से लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इनके साथ- साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, काली मां और कुबेर देव की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय 11 छोटे दीप तथा एक बड़ा दीप जलाना चाहिए।
पूजन सामग्री की लिस्ट
रोली | मोली | धूपबती |
कपूर | चन्दन | चावल |
गंगाजल | रुई | गुलाल |
बुक्का | सिंदूर | पान -5 |
सुपारी -10 | पुष्पमाला | दूर्वा |
इत्र की सीसी -१ | इलायची छोटी | लवंग |
पेड़ा | ऋतुफल | दूध-दही |
धृत | चीनी | शहद |
पंच पल्लव | सर्वोषधि | सूखे नारियल |
लक्ष्मी जी की मूर्ति | गणेश जी की मूर्ति | सिंहासन |
लक्ष्मी जी के वस्त्र | गणेशजी के वस्त्र | धान का लावा (खिल) |
कलश ताम्र अथवा मिट्टी | सफ़ेद कपडा आधा मीटर | लाल कपडा आधा मीटर |